क्या आपको पता है ? हैकर कैसे चुराते हैं आपके जी-मेल अकाउंट का डेटा !
आइए जानते हैं
Google का मानना है कि आपके अकाउंट को सबसे ज्यादा खतरा डेटा ब्रिच से नहीं बल्कि फिशिंग से है ! डाटा ब्रीच का अर्थ होता है कि किसी थर्ड पार्टी के पास आपकी जानकारी थी और उसने उसे बेच दिया ! जबकि फिशिंग से ज्यादातर ईमेल के जरिए जानकारी चुराई जाती है !
दरअसल अब तक यही माना जाता रहा है कि हैकिंग का सबसे बड़ा कारण निजी जानकारी शेयर करना है ! जैसे किसी एप को चालू करते समय दी गई जानकारी या किसी संस्थान में दी गई आपकी निजी जानकारी को ऑन लाइन लिक या चोरी होने से !
इसके उलट यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के साथ गूगल का मार्च 2016 से मार्च 2017 के बीच एक रिसर्च के बाद यह खुलासा हुआ है कि डाटा लीक या चोरी के आंकड़े ज्यादा होने के बावजूद हैकर को सफलता फिशिंग से ही अधिक मिलती है ! इसलिए इसे लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है !
Google की सलाह !
कंपनी के ब्लॉग पर इसकी जानकारी देते हुए गूगल का कहना है कि अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए सबसे आसान तरीका है Google के सिक्योरिटी पेज पर जाकर स्मार्ट लॉक सिस्टम का इस्तेमाल करें !
Google का मानना है कि फिशिंग या की लौकर से चुड़ाई गई जानकारी का इस्तेमाल करने के बाद 12 से 25 फिसदी मामलों में हैकर्स डेटा निकालने में सफल हो पाते हैं ! की लॉकर का अर्थ है कि आप जो भी टाइप करते हैं उसे सॉफ्टवेयर से चोरी किया जाता है ! इसके अलावा भी किसी सिस्टम का IP डिवाइस टाइप और स्थान की जानकारी भी इस्तेमाल करते हैं ! गूगल के अनुसार आंकड़ों में अंतर होने के बावजूद सबसे ज्यादा खतरा फिसिंग से है !
आइए जानते हैं
Google का मानना है कि आपके अकाउंट को सबसे ज्यादा खतरा डेटा ब्रिच से नहीं बल्कि फिशिंग से है ! डाटा ब्रीच का अर्थ होता है कि किसी थर्ड पार्टी के पास आपकी जानकारी थी और उसने उसे बेच दिया ! जबकि फिशिंग से ज्यादातर ईमेल के जरिए जानकारी चुराई जाती है !
दरअसल अब तक यही माना जाता रहा है कि हैकिंग का सबसे बड़ा कारण निजी जानकारी शेयर करना है ! जैसे किसी एप को चालू करते समय दी गई जानकारी या किसी संस्थान में दी गई आपकी निजी जानकारी को ऑन लाइन लिक या चोरी होने से !
इसके उलट यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के साथ गूगल का मार्च 2016 से मार्च 2017 के बीच एक रिसर्च के बाद यह खुलासा हुआ है कि डाटा लीक या चोरी के आंकड़े ज्यादा होने के बावजूद हैकर को सफलता फिशिंग से ही अधिक मिलती है ! इसलिए इसे लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है !
Google की सलाह !
कंपनी के ब्लॉग पर इसकी जानकारी देते हुए गूगल का कहना है कि अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए सबसे आसान तरीका है Google के सिक्योरिटी पेज पर जाकर स्मार्ट लॉक सिस्टम का इस्तेमाल करें !
Google का मानना है कि फिशिंग या की लौकर से चुड़ाई गई जानकारी का इस्तेमाल करने के बाद 12 से 25 फिसदी मामलों में हैकर्स डेटा निकालने में सफल हो पाते हैं ! की लॉकर का अर्थ है कि आप जो भी टाइप करते हैं उसे सॉफ्टवेयर से चोरी किया जाता है ! इसके अलावा भी किसी सिस्टम का IP डिवाइस टाइप और स्थान की जानकारी भी इस्तेमाल करते हैं ! गूगल के अनुसार आंकड़ों में अंतर होने के बावजूद सबसे ज्यादा खतरा फिसिंग से है !




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